राह सही बना रहा हुँ
राह खत्म हो रही है,मै बना रहा हुँ।
राह मेरी है,मै गलत हु लेकिन राह सही बना रहा हुँ।
लोग कह रहे है मुझे मै गलत हु लेकिन फिर भी राह सही बना रहा हु।
कठिनाईयों के वजह से पीछे जा रहा हु,लेकिन फिर भी राह सही बना रहा हुँ ।
कमजोर बन रहा हुँ,कुछ पाने के लिए ,गलत बन रहा हुँ सही होने के लिए,इसलिए राह सही बना रहा हु।
गलत मत करिए,
गलत हो जाये परंतु आप राह सही बनाए।।
-अक्षत मिश्रा
राह खत्म हो रही है,मै बना रहा हुँ।
राह मेरी है,मै गलत हु लेकिन राह सही बना रहा हुँ।
लोग कह रहे है मुझे मै गलत हु लेकिन फिर भी राह सही बना रहा हु।
कठिनाईयों के वजह से पीछे जा रहा हु,लेकिन फिर भी राह सही बना रहा हुँ ।
कमजोर बन रहा हुँ,कुछ पाने के लिए ,गलत बन रहा हुँ सही होने के लिए,इसलिए राह सही बना रहा हु।
गलत मत करिए,
गलत हो जाये परंतु आप राह सही बनाए।।
-अक्षत मिश्रा
Ek number bhai
ReplyDeleteएक दिन तू बहुत बड़ा आदमी बने गा
और देश मैं आपन नाम रौशन करे गा
और ऐसी कविता लिखते रहा और आपन नाम कामा
Aacha hai bhai
DeleteThank u so much for lovely motivate comment
DeleteBilkul sahi......
ReplyDeleteAssehe chlte rh......
Thank you so much for your motivated comment
DeleteWow👌👌👌bhaiya.....a motivational lines ....in above poem.....
ReplyDeleteThank u so much bhai
DeleteThank u😊😊😊😊
Bhai mera talented hai
ReplyDeleteThank u so much brother......
DeleteVery nice
ReplyDeleteThank u so much
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत खूब अक्षत।
ReplyDeleteएक एक अक्षर में तुम्हारी गहरी सोच दिखाई दे रही।खूब आगे बढ़ो
Alot alot alot of thanks big brother
DeleteMay your blessing are always with me bhaiya thank you bhaiya