कुछ मेरी भी बात,मन की

आज कितने दिन हो गए ये कोरोना वायरस आये हुए, अब तो अच्छा ही नही लगता अपने देश को ऐसे देखते हुए ,न जाने क्या हो गया है जहाँ हर वक़्त खुशियां छाई रहती थी आज वो वीरान सी लगती है, जिस कुद्दरत के सुंदरता को देखने के लिए शाम सवेरे इंतज़ार किया करते थे आज उसके पास नही जाना चाहते,नही पता उसने ऐसा क्या कर दिया कि उसकी ही मिट्टी में आज कोई नही रहता है जहाँ पास हर एक त्योहार सब कोई मिलकर मनाते थे आज उसी जगह पर सब शांत है,न जाने कुदरत
शाम के कुदरत की सुंदरता
 ने ही ऐसा क्या खेल रचा की आज वो अपनों को ही वीरान कर रही है।

अब तो इस खामोशियों को झेलना कठिन से लगता है न जाने आगे क्या है अब तो मन भी रूठा रूठा सा लगता है कुछ करने का मन नही करता क्योंकि देश के बारे में सोच कर आशू टपक ने लगते है, उसी लालमी को चाहना चाहते है जो सुबह भोर की रहती है जो हमे अपने आप से लगा लेती है  पर जिस मिट्टी के लोगों ने आज इतने वर्ष हो गए हर तरफ से जीत जीती है उसी तरह जीतेंगे। 




 

                  हम भारत के एक है और रहेंगे और एक साथ लड़ेंगे।

Comments

  1. Bahut khub...
    Ye vakt bhi gujar jayega

    🙆🙌

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  2. एक बार फिर मुस्कुराए गा India.

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