जीवन मे समस्या 



                                                                    




आज सभी समस्या को एक बोझ की तरह समझते है,कि उनके जीवन मे समस्या कि बात आते ही वे जीवन से अपने आप हार के लिए तैयार हो जाते है,उनमे एक ऐसा                               बात आने लगता है कि अब वे अपने जीवन से  त्याग का समरण करने लगते है। 
              
                  जीवन का मतलब है यानि कि जिसमे खुशियां,मुसीबत और मुसीबतों से लड़ने का इक्छा हो उसे ही जीवन कहा जाता है,जिससे कि आज लोग सिर्फ हार मान रहे है।
  ईश्वर हमे या हम खुद उन्ही मुसीबतों को अपने पास लाते है जिनके लिए हम सक्षम हो और हम उन मुसीबतों से लड़ सकते है सिर्फ जीवन से त्याग देना और उन मुसीबतों को लेकर बैठना या फिर अपने आज को खराब करना सिर्फ अपने मुसीबतों को बढ़ावा देना होता है।
अगर हम उन सभी मुसीबतों को एक प्रक्रिया से उन्हें खत्म करते चले तो हमे अपने जीवन मे खुद एक नया रूप जीवन मे हमारे सम्मिलित होगा।
                            कई युवा पीढ़ी के लोग ऐसे है जो कि आज के समय पर सिर्फ अंतरात्मा से हारे हुए और आत्महत्या के प्रति चलने लगते है जबकि उनके मुसीबतों का निवारण करना खुद उनके पास ही रहता है,परंतु हम उनका उपाय न ढूंढकर ये सोचना शुरू कर देते है कि हम क्यों किये,जबकि हमे ऐसा कुछ भी नही सोचना चाहिए।।
                    हमारा जीवन ही हमारे प्रतिक्रियाओं का एक खेल ही जीवन इसीलिए उस जीवन के सभी पल को बिताना चाहिए। हमे कभी हार नहीं मान न चाहिए किसी भी चीजो से चाहे बो  कैसी भी परेशानी क्यो न हो।।

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