"अपनी विधि ख़ुद बनाओ अपने मे एक रुझान से सकारात्मक कि बात आएगी"यानि कि जो कार्य हम करते है उन्हें अपने मे समा ले यानि हर एक कार्य अपने आप से करे, अपने प्रक्रिया के अनुसार करें अपने विविधा से करेंl हमे हमारी ही विविधा कुछ नया सिखाएगी जिस से हम कुछ नया कर सकेंगे,और उस से हमारे में एक सच्चाई कि पहल कि जागृति होगी जो कि हमे हमारी ही गलतियों से प्रतिरूप करवाएगी।।
 हमारी विधि हमे नया सिखाएगी जो कि जिससे हम कुछ अलग करेंगे 
,जो अलग करता है उसी कि  एक अलग छवि बनती जाती है, और जो अलग छवि,पहचान और सच्चाई में रहता है वही एक सम्मनिय बनता है। जिसे जनक एक लोभित बनाने लगती है। 
              अपने विधि से कुछ करना यानि कि कुछ अलग छवि में चयनित होना जिससे हमारे में एक अनिष्टता कि भावना जागृत होती है।।
           
                                                             -अक्षत मिश्रा

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