युथ

युथएक बहुत छोटा शब्द है लेकिन इसकी ताकत सबसे बड़ी है जो कोई कुछ नही कर पाता,वंही एक युथ कर लेता है,वास्तविकता में बोला जाए तो युथ एक शब्द नही बल्कि एक अंग है।
लेकिन आज कल के लोग इसका मतलब नहीं समझते,युथ का मतलब युवा(युवा पीढ़ी)  सही है लेकिन उसका कार्य क्या है वो नहीं जानते है,युवा वो नहीं है जो कि सिर्फ दुसरो को डराकर, पढ़ाई छोड़कर,गुंडा गर्दी करके अपने आप को युवा समझे,युवा तो वो है जो कि अन्याय को न्याय में,दुख को सुख में,भ्रष्ट को अभ्रस्ट करे वो होता है युथ
                 युथ एक ऐसी उम्र होती है जो कि सब कुछ कर सकती है,लेकिन करना चाहे तो,आज कल युवा पीढ़ी तो बस उल्टे-सीधे कामो को ही करके अपने आप को महान समझते है।
          युथ चाहे तो कोई भी काम कर सकते है और अपने देश का नाम ऊंचा बना सकते है,लेकिन नही वो ऐसा करना ही नहीं चाहते अगर चाहते होते तो आज हमारा देश और आगे विकास की ओर रहता।
     देखा जाए तो युवा की उम्र कुछ 21 वर्ष से शुरू  होती है ,यह उम्र है जिसमे सभी बुढो और छोटो को इनसे आशा होती है ,परंतु युवा पीढ़ी बुढो की न इज़्ज़त करती है और नाही मान देती है और नाही छोटों को प्यार और आशीष देते है,लेकिन युथ चाहती है कि छोटे भाई-बहन उनका सम्मान करें,आखिर ‘ताली एक हाथ से तो नही बजती है’।।
              आज के युवाओं को तो सिर्फ मस्ती ही दिखाई देती है,और जो युवा अच्छे और सच्चे रहते है वो उन युवा के वजह से सामने नहीं आ पाते जो कि बिगड़े है,लेकिन जो सच्चा होता है उसका ईश्वर जरूर साथ देता है,लेकिन आज कल तो लोग ही नहीं साथ देते तो ईश्वर कहा से देंगे।
       बच्चे बड़े अनमोल रहते है जब वे छोटे रहते है तो बोलते है कि वे बड़े होकर फ़ौज,पुलिस आदि बनकर देश की हिफाजत करेंगे,लेकिन जब वे बड़े हो जाते है तब उन्हें अपने वादे याद ही नहीं रहते है,आज़ादी के बाद से तो कोई भी युवा वीर पुत्र उभर कर नहीं आया,सभी युथ थक गए है ऐसा लगता है,इसी कारण से आज हमारा देश पीछे है क्योंकि जो भी चीजो से हमारे देश का विकास हो वो काम सिर्फ युवा ही कर सकते है,और हमारे देश को ऊंचाई तक ला सकते है,कहते है कि हमारा देश ‘सोने की चिड़िया’ है बिल्कुल सही कहा गया है लेकिन अभी के लोगो के वजह से नहीं सिर्फ कहा जाता है हमारे आज़ादी के युवा वीर पुत्रो की वजह से जिन्होंने इतने प्यार से सोने की तरह हमारे देश को आज़ाद कराया और उस सोने को संभाल कर रखना हमारा कर्तव्य है, लेकिन नहीं पता की हमारे युवाओ को क्या हो गया है और वह सोने का रंग को काला कर रहे है,लेकिन अभी भी समय है बचा सकते है।
                  युवाओ में तो जोश होना चाहिए देशभक्ति का जिससे कि हमारा देश मजबूत बन सके और उन स्वतंत्र सेनानियों को भी गर्व हो कि  हमारा देश कब सोने से हीरा बन गया कि उन्हें पता भी नहीं चला,हमे कभी भी एक चीज़ सोचना चाहिए कि हमारा घर वो चार मिट्टी की दीवारे नही है ,बल्कि हमारा घर हमारा देश है,और जिस तरह हम अपने घर को बचाते है उसी तरह देश को भी बचाये।
             युवा को कभी भी अपने कर्म निभाने से नहीं भागना चाहिए,उससे फायदा भी युवाओ को ही है क्योंकि उससे वे और आगे बढ़ेंगे।।

                युवाओं की जंग जारी है,उनकी ही बारी है।   युवाओं को जगाना है,अपने देश को महान बनाना है।।

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